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    प्राचार्य

    संदेश

    उत्तराखंड के सीमावर्ती सुदूर हिमालयी क्षेत्र में स्थित केन्द्रीय विद्यालय पिथौरागढ़ शिक्षा के क्षेत्र में उच्च प्रतिमान स्थापित करने तथा बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है | नैसर्गिक सौन्दर्य से परिपूर्ण विद्यालय में शिक्षण-अधिगम हेतु आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित भवन एवं मनोरम परिसर के साथ प्रशिक्षित कुशल शिक्षक-शिक्षिकाओं की टीम केन्द्रीय विद्यालय संगठन के द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील और प्रगति के पथ पर अग्रसर है ।

    विद्यालय में प्रवेश लेने वाले नन्हे बालक-बालिकाओं का जब शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं नैतिक विकास होता है तो वे एक सुसंस्कृत नागरिक के रूप में राष्ट्र के लिए सबसे बड़ी पूँजी बन जाते हैं । राष्ट्र के सर्वागीण उन्नयन में शिक्षा का वही महत्व है जो अर्थव्यवस्था में मुद्रा का एवं मानव शरीर में रक्त का है। शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से जागरूक और चारित्रिक रूप से शिष्ट विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना का विकास करना ही विद्यालय का परम ध्येय है |